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वेंकैया नायडू का विदाई समारोह, PM मोदी बोले- विकास के प्रमुख पहलुओं पर दिखाई महारथ, हमें उनकी सलाह को बनाना चाहिए यादगार

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद पुस्तकालय भवन में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के विदाई समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि 11 तारीख के बाद आप जरूर अनुभव करेंगे कि किसी न किसी वजह से आपके पास फोन आएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वेंकैया जी हर पल सक्रिय रहते हैं, हर पल हर किसी के बीच होते हैं, ये उनकी बड़ी विशेषता रही है। उन्होंने कहा कि जब मैंने अटल जी की सरकार के दौरान पार्टी के लिए काम किया तब वेंकैया जी कहा करते थे कि वे ग्रामीण विकास विभाग में काम करना चाहते हैं। उनमें इसके लिए जुनून था। उस वक्त मेरी और वेंकैया जी से काफी बात होती थी। उन्होंने कहा कि अटल जी को वेंकैया जी की और भी जरूरतें थीं लेकिन उनका मन यह था ऐसे में अटल जी ने निर्णय लिया और उसे वेंकैया जी ने बखूबी निभाया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वेंकैया जी एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने ग्रामीण विकास मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय भी देखा। उन्होंने एक प्रकार से विकास के प्रमुख दोनों पहलुओं पर महारथ दिखाई। उन्होंने कहा कि वेंकैया नायडू ऐसे पहले उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापित हैं जो राज्यसभा के सदस्य भी रहें। अब जो लंबे समय तक राज्यसभा में रहे हो उनको सदन में क्या-क्या चलता है, पर्दे के पीछे क्या चलता है, कौन सा दल क्या करेगा ? इन सभी बातों का उनको भली भांति अंदाजा था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वेंकैया नायडू पहले सभापति हो सकते थे जो जानते थे कि कैसे सदन को और अधिक सक्षम बनाना है और देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है, संसदीय समिति को और अधिक उत्पादक बनाना है। हमें उनकी सलाह को यादगार बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वेंकैया जी का जीवन हम लोगों के लिए एक बहुत बड़ी विरासत है। उनके साथ जो कुछ भी हम लोगों ने सीखा है, उसको हम आगे बढ़ाएं। भाषा के प्रति उनका जो लगाव है और उन्होंने मातृ भाषा को जिस प्रकार से प्रतिष्ठित करने का प्रयास किया है, उसको आगे बढ़ाने के और भी प्रयास हुए हैं।