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जाति जनगणना से वंचित तबकों के लिए खुलेगा विकास का नया आयाम: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि पार्टी की कार्य समिति ने जाति आधारित जनगणना का समर्थन करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है क्योंकि यह हिंदुस्तान के भविष्य के लिए जरूरी है। कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन इंडिया के ज्यादातर घटक दल जाति आधारित जनगणना के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कार्य समिति ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। सर्वसम्मति से जाति आधारित जनगणना के विचार का समर्थन करने का फैसला हुआ। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस जाति जनगणना के लिए केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर पुरजोर दबाव बनाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हिंदुस्तान के भविष्य के लिए जातिगत जनगणना जरूरी है। जातिगत जनगणना के बाद विकास का एक नया रास्ता खुलेगा। कांग्रेस पार्टी इस काम को पूरा करके ही छोड़ेगी। याद रखिए.. जब हम वादा करते हैं, तो उसे तोड़ते नहीं हैं।’’ राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘ देश में जातिगत जनगणना होगी और हिंदुस्तान के गरीबों को उनकी हिस्सेदारी मिलेगी। ये काम कांग्रेस पार्टी करके दिखाएगी।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यह राजनीतिक निर्णय नहीं है, बल्कि न्याय का निर्णय है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जाति आधारित जनगणना कराने में अक्षम हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री मोदी ओबीसी वर्ग के लिए काम नहीं करते, बल्कि उनका ध्यान भटकाने का प्रयास करते हैं। उनका कहना था, ‘‘कांग्रेस के चार मुख्यमंत्रियों में से तीन मुख्यमंत्री ओबीसी हैं। भाजपा के 10 मुख्यमंत्रियों में से एक मुख्यमंत्री (शिवराज चौहान) ओबीसी हैं और वो भी कुछ दिन बाद मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे।’’ उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना एक एक्सरे की तरह है जिससे ओबीसी और अन्य वर्गों की स्थिति के बारे में पता चल सकेगा और उनका विकास हो सकेगा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा,‘‘इस एक्‍स-रे की जरूरत है, अगर हम विकास का नया आयाम चाहते हैं, जहां सबको न्‍याय मिले उसके लिए हमें कास्‍ट सेंसस (जातिगत जनगणना) करना ही होगा।’’ राहुल गांधी ने सवाल किया कि आखिर प्रधानमंत्री यह ‘‘एक्सरे’’ क्यों नहीं चाहते? यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दल इस विषय पर कांग्रेस के साथ हैं तो राहुल गांधी ने कहा कि ज्यादातर घटक दल इसके पक्ष में हैं, लेकिन किसी दल की अलग राय भी हो सकती है और कांग्रेस का रुख लचीला है, वह ‘फासीवादी’ नहीं है। राहुल गांधी ने संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा कि वो लोग हाथ उठाएं जो ओबीसी, दलित वर्गों से आते हैं। उनके मुताबिक, उन्होंने ऐसा किया कि ताकि यह दिखा सकें कि वंचित तबकों को उनकी हिस्सेदारी नहीं मिल रही है। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की सोमवार को यहां बैठक हुई जिसमें जाति आधारित जनगणना और राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना एवं मिजोरम के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए चुनावी रणनीति और कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तथा पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल थे।