धोखाधड़ी मामले में नायडू को गिरफ्तार करते समय उचित प्रक्रियाओं का किया गया पालन : आंध्र सीआईडी
आंध्र प्रदेश पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के प्रमुख एन संजय ने रविवार को कहा कि 371 करोड़ रुपये के कथित धोखाधड़ी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार करते समय उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया था। एन संजय ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख नायडू के बेटे नारा लोकेश के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि यह कार्रवाई कानूनों का उल्लंघन है। एन संजय ने अतिरिक्त महाधिवक्ता पी सुधाकर रेड्डी के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि एजेंसी आंध्र प्रदेश में 2015-16 में हुए कौशल विकास निगम घोटाले से संबंधित तथ्यों को स्पष्ट करने के लिए दबाव में थी क्योंकि तेदेपा के कई नेता इस संबंध में गलत सूचनाएं फैला रहे थे। चंद्रबाबू नायडू फिलहाल इस घोटाले में अपनी कथित भूमिका के लिए न्यायिक हिरासत में हैं और उन्होंने उच्च न्यायालय में दो याचिकाएं दायर की हैं, जिस पर 19 सितंबर को सुनवाई होनी है। अदालत की सुनवाई से पहले राष्ट्रीय राजधानी में संवाददाता सम्मेलनआयोजित करने की तात्कालिकता के बारे में पूछे जाने पर संजय ने कहा, ‘‘जब आरोपी गुमराह करने और गलत सूचना देने का काम करते हैं, तो यह सीआईडी की जिम्मेदारी है कि वह स्पष्टीकरण के लिए अपना पक्ष सामने रखें … कई नेता अपना पक्ष रख रहे हैं तथा विशेष न्यायाधीश, सीआईडी और मौजूदा सरकार के खिलाफ खूब झूठ फैलाया जा रहा है।’’उन्होंने कहा, ‘‘सोशल मीडिया के जरिए तो आरोप लगाए जा रहे हैं। सीआईडी पर भी सामने आकर सफाई देने का काफी दबाव है। ’’ सीआईडी के दल ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को नौ सितंबर को सुबह करीब छह बजे नंदयाल शहर के ज्ञानपुरम स्थित आर के फंक्शन हॉल के बाहर से कौशल विकास निगम घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था।