चीन को LAC पर एकतरफा बदलाव कभी नहीं करने देंगेः जयशंकर
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने एक बार फिर चीन और पाकिस्तान पर जोरदार हमला बोला है। चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि हम चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कभी एकतरफा बदलाव नहीं करने देंगे। उन्होंने कहा कि आज सीमाओं पर भारतीय सेना की इतनी बड़ी संख्या में तैनाती है जो पहले कभी नहीं थी। उन्होंने कहा कि चीनी आक्रामकता और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एकतरफा बदलाव के किसी भी प्रयास को रोकने और विफल करने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह तैनात है। हम आपको बता दें कि इंडिया टुडे के इंडो-जापान कॉन्क्लेव 2022 को संबोधित करते हुए जयशंकर ने यह बात कही। यह पूछे जाने पर कि सीमा रेखा पर तनाव के बीच चीन के साथ व्यापार क्यों बढ़ रहा है, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “1990 के दशक के बाद जब हमने अपनी अर्थव्यवस्था को खोला तो हमने अपने एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कुछ नहीं किया जिससे चीन और अन्यों के साथ प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो गया।” उन्होंने कहा कि अधिक आयात किया गया और हमने अपनी आपूर्ति श्रृंखला नहीं बनाई जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। विदेश मंत्री ने कहा कि चीन से आयात हो रहे हैं क्योंकि 30 वर्षों तक आपने उद्योगों को समर्थन नहीं दिया जिसकी उन्हें जरूरत थी। विदेश मंत्री ने कहा कि आपने जो 30 साल में किया है, उसे आप 5-10 साल में नहीं पलट सकते। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत जैसा देश मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को नजरअंदाज नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत जापान से सीख ले सकता है। इसके अलावा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चीनी उत्पादों के बहिष्कार की अपील और चीन से आयात बंद किये जाने की मांग पर विदेश मंत्री ने कहा कि केजरीवाल के बयान में गंभीरता नहीं है। विदेश मंत्री एस जयशंकर से जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई टिप्पणी पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने कहा, “पाकिस्तानियों के साथ हमारी अपेक्षाओं का स्तर कभी भी बहुत अधिक नहीं रहा।” जयशंकर ने कहा कि भुट्टो की टिप्पणी के बारे में विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया दे दी है। दूसरी ओर, बात अरुणाचल प्रदेश की करें तो वहां हालात पूरी तरह सामान्य हैं। इस बीच, अरुणाचल प्रदेश में 13,000 फीट की ऊंचाई पर सेला दर्रा सुरंग का निर्माण तेजी के साथ जारी है। हम आपको बता दें कि डबल लेन वाली इस सुरंग के बन जाने पर असम से तवांग तक हर मौसम में संपर्क बना रहेगा। इस सुरंग का निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से किया जा रहा है। मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का काम पूरा हो जाने पर सैन्य बलों को काफी लाभ होगा और अरुणाचल प्रदेश के लोगों के जनजीवन में भी बड़ा बदलाव आयेगा। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सेला दर्रा सुरंग सुरक्षा कारणों से गेम चेंजर साबित होगी। बताया जा रहा है कि सेला पास में दो सुरंगें हैं। यह सुरंगें सेला के पश्चिम में दो चोटियों से होकर आ रही हैं। हम आपको यह भी बता दें कि यांग्त्से क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हालिया तवांग झड़प के बावजूद स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि भारतीय सेना की वजह से वे यहां पूरी तरह से सुरक्षित महसूस करते हैं। लोगों का यह भी कहना है कि संभव हो तो उन्हें भी सैन्य प्रशिक्षण दिया जाये ताकि जरूरत पड़ने पर वह भी देश के काम आ सकें।