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G20 की बैठक में हुए शामिल, बाइडन, सुनक व मैक्रों से की बात, जिनपिंग से भी मिले हाथ, ऐसा रहा इंडोनेशिया में मोदी का पहला दिन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी20 की बैठक में हिस्सा लेने के लिए इंडोनेशिया के बाली शहर में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 की बैठक में आज शामिल हुए। इसके साथ ही उन्होंने विश्व के कई बड़े नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की। मोदी ने जी-20 की बैठक से इतर थोड़ा वक्त निकालकर भारतीय समुदाय के बीच भी पहुंचे। उन्होंने भारतीय समुदाय को संबोधित किया और साथ ही साथ इंडोनेशिया और भारत के संबंध का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने जिन नेताओं के साथ वार्ता की है उनमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का नाम है। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा प्रधानमंत्री की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के मुलाकात की रही। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करते नजर आए। दोनों के बीच बातचीत भी हुई। सवाल यही है कि क्या इस बातचीत के बाद रिश्तो में थोड़ी नरमी आएगी। आपको बताते हैं कि आज प्रधानमंत्री जी-20 की बैठक के साथ-साथ इंडोनेशिया के बाली में किन कार्यक्रमों में शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वार्षिक जी20 शिखर सम्मेलन के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आज विश्व को जी-20 से अधिक अपेक्षाएं हैं और समूह की प्रासंगिकता बढ़ गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 वैश्विक महामारी और यूक्रेन संकट का जिक्र करते हुए वैश्विक स्तर पर चुनौतीपूर्ण वातावरण के बीच संयुक्त राष्ट्र की भूमिका के बारे में कहा कि उसके जैसी ‘‘बहुपक्षीय संस्थाएं वैश्विक चुनौतियों से निपटने में असफल रही हैं। मोदी ने कहा कि हमें यह स्वीकार करने में संकोच नहीं करना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संस्थान वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में असफल रहे हैं। यूक्रेन संघर्ष पर उन्होंने बातचीत के माध्यम से संकट को हल करने का आह्वान दोहराया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने बार-बार कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्ध-विराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का तरीका तलाशना होगा। पिछली शताब्दी में द्वितीय विश्व युद्ध ने दुनिया में कहर बरपाया था। उन्होंने कहा कि उसके बाद उस दौर के नेताओं ने शांति की राह पर चलने का गंभीर प्रयास किया। अब हमारी बारी है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद एक नयी विश्व व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी हमारे कंधों पर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘‘ठोस और सामूहिक संकल्प’’ समय की मांग है। मोदी ने जी-20 देशों के नेताओं को आगाह करते हुए कहा कि आज का उर्वरक संकट कल खाद्य संकट में तब्दील हो सकता है, इसलिए दुनिया को इसका समाधान खोजना होगा। उन्होंने खाद व अनाज दोनों की आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर और सुनिश्चित बनाए रखने के लिए साझा समझौते करने पर भी जोर दिया। मोदी ने वार्षिक जी20 शिखर सम्मेलन के एक सत्र को संबोधित करते हुए वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान देश के 1.3 अरब नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत के प्रयासों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहा है और टिकाऊ खाद्य सुरक्षा के लिए बाजरे जैसे पौष्टिक व पारंपरिक खाद्यान्नों को फिर से लोकप्रिय बनाने की कोशिश कर रहा है।