मनीषा सिसोदिया ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना, बोले- अपने दोस्तों का करोड़ों माफ करने के बाद ये लोग मचा रहे हल्ला
राजनीति में रेवड़ी कल्चर को लेकर वार-पलटवार का तौर लगातार जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले एक जनसभा को संबोधित करते हुए वोट के लिए रेवड़ी कल्चर को बढ़ावा दिया जा रहा है जो कि देश के लिए हानिकारक है। इसके बाद से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जबरदस्त तरीके से केंद्र सरकार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर हैं। केजरीवाल की ओर से मोदी सरकार और भाजपा पर कई बड़े आरोप लगाए जा रहे हैं। इन सब के बीच आज मनीष सिसोदिया ने एक बार फिर से केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस समय देश के सामने सबसे बड़ा सवाल है कि मोदी जी के दोस्तों के 10 लाख करोड़ के ऋृण और 5 लाख करोड़ के निगमित कर क्यों माफ किए गए? सिसोदिया ने सवाल किया कि इससे देश को जो चुना लगा है उसका जवाब प्रधानमंत्री जी, भाजपा के नेता और वित्त मंत्री दें। सिसोदिया ने आगे कहा कि 15 लाख करोड़ अपने दोस्तों के माफ करने के बाद अब ये लोग हल्ला मचा रहे हैं कि फ्रीबी नहीं देंगे। मैं बताता हूं क्या हुआ है, इन्होंने अपने दोस्तों का 15 लाख करोड़ माफ किया और उससे जब देश का भट्ठा बैठने लगा तो बोलते हैं कि अब हर चीज पर GST लगेगा। आपको बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से लगातार चुनावी राज्यों में बिजली पानी मुफ्त देने की बात कही जा रही है। दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी का दावा है कि उनकी सरकार 200 यूनिट मुफ्त बिजली और पानी भी मुफ्त में दे रही है। केजरीवाल का दावा है कि हम देश के लोगों का पैसा उन्हीं के ऊपर खर्च कर रहे हैं। इसमें क्या गलत है? इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने बहस्पतिवार को कहा था कि केंद्र जिस तरह से लोगों को मुफ्त सुविधाएं दिए जाने का ‘कड़ा विरोध’ कर रहा है, उससे लगता है कि उसकी वित्तीय स्थिति कुछ गड़बड़ है। रक्षा भर्ती योजना अग्निपथ, केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 42 फीसदी से घटाकर 29 फीसदी करने, खाद्य पदार्थों पर लगाए गए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और मनरेगा कोष में 25 फीसदी कटौती का हवाला देते हुए केजरीवाल ने पूछा कि सारा पैसा कहां जा रहा है? उन्होंने कहा कि केंद्र पेट्रोल और डीजल पर प्रति वर्ष 3.5 लाख करोड़ रुपये सहित भारी मात्रा में कर एकत्र करता है और अभी भी देश के लोगों को मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के खिलाफ है।