राष्ट्रीय

नड्डा ने केरल की वाम सरकार पर राज्य में कट्टरपंथ के प्रति ‘‘नरम रवैया’’ अपनाने का आरोप लगाया

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने केरल की वाम सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए उस पर राज्य में ‘‘कट्टरपंथ’’ के प्रति ‘‘नरम रुख अपनाने’’ का सोमवार को आरोप लगाया। नड्डा ने वाम सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि जब इस्लामी उग्रवादी समूह हमास के एक नेता ने केरल में आयोजित एक डिजिटल बैठक को संबोधित किया तो वामपंथी सरकार ‘‘मूक दर्शक’’ बनी रही। नड्डा ने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन (राजग) के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही। राजग ने राज्य में वाम सरकार के कथित कुशासन के विरोध में केरल सचिवालय के चार में से तीन द्वार अवरुद्ध कर दिए। नड्डा ने हमास के साथ इजराइल के युद्ध के विरुद्ध हाल में राज्य में एक इस्लामी समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हमास नेता खालिद मशाल के डिजिटल माध्यम से जुड़ने का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि उसने अपने संगठन के बारे में खुलकर बात की और वामपंथी सरकार ‘‘मूक दर्शक’’ बनी रही। उन्होंने कहा, ‘‘इसका क्या मतलब है? आप ‘गॉड्स ऑन कंट्री’ (ईश्वर का अपना देश) केरल को बदनाम कर रहे हैं।’’ उन्होंने लोगों से सवाल किया कि क्या वे इस प्रकार की चीजों की अनुमति देंगे? उन्होंने एक दिन पहले कोच्चि के निकट कलमश्शेरि में हुए बम धमाकों का भी जिक्र किया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘इसकी गहराई तक जाने पर’’ यह पता लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा ‘‘कट्टरपंथ को लेकर नरम रुख अपनाने’’ के कारण शांतिपूर्ण राज्य में ऐसी स्थिति पैदा हुई है। नड्डा ने वाम सरकार में कथित भ्रष्टाचार को लेकर उसकी आलोचना की और दावा किया कि केरल में विजयन के नेतृत्व में कुप्रबंधन साफ दिखाई देता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी पिनराई विजयन की सरकार के कुशासन की समस्याओं को उठाने, वर्तमान प्रशासन में व्याप्त घोटालों और भ्रष्टाचार पर बात करने के लिए यहां एकत्र हुए हैं। हमारा सामूहिक लक्ष्य केरल में समृद्धि, विकास और सुशासन लाने के हमारे प्रयासों में एकजुटता प्रदर्शित करना है।’’ उन्होंने आगे कहा कि ‘धरना’ विजयन सरकार के प्रति लोगों के कथित असंतोष को व्यक्त करने के लिए एक मंच है। उन्होंने दावा किया कि विजयन सरकार हताश और नीतिगत रूप से पंगुहै। भाजपा के सैकड़ों समर्थक सुबह करीब छह बजे से ही सचिवालय के तीन प्रवेश द्वारों के बाहर एकत्र हो गए। इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया और यातायात को किसी और मार्ग की ओर परिवर्तित किया गया, ताकि कार्यालय जाने वाले लोगों तथा स्कूल जाने वाले छात्रों को दिक्कत न हो।