तमाम अटकलों पर फडणवीस ने लगाया विराम, बोले- एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री रहने वाले हैं
एनसीपी नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के मुख्यमंत्री बनने की चर्चाएं इस समय जोरों पर हैं। इसका असर हमें दिन में देखने को मिला। एनसीपी मंत्री अनिल पाटिल ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि नसीपी पार्टी के दिल्ली के कार्यकर्ताओं और नेताओं का भी यही कहना कि अजित पवार को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। हालांकि इससे पहले भी महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के बदलाव को लेकर चर्चाएं तेज हो चुकी है। जबसे अजित पवार शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हुए हैं, तब से विपक्षी दलों का दावा है कि एकनाथ शिंदे की कुर्सी जाने वाली है। संजय राउत इसको लेकर लगातार बोलते रहे हैं। इसी सवाल को लेकर महाराष्ट्र उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा बयान दिया है। अपने बयान में देवेंद्र फडणवीस ने तमाम चर्चाओं को विराम लगाते हुए साफ तौर पर कहा कि एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री रहेंगे। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल कई वरिष्ठ नेता अटकलबाज़ी करते दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे कितनी भी अटकलें लगाएं, जिस समय हमने महायुती तैयार की उस समय से तीनों पार्टियों (भाजपा, शिवसेना, NCP(अजित पवार गुट)) के मन में स्पष्ट है कि महायुती के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं और एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री रहने वाले हैं। इससे पहले NDA की बैठक में शामिल हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 2024 में पहले से भी अधिक बहुमत के साथ सत्ता में लौटेगा और शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठबंधन ‘क्लीन स्वीप’ करेगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने परिवार के साथ शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। शिंदे ने कहा कि यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी और उन्होंने प्रधानमंत्री को महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती महाविकास आघाड़ी सरकार (एमवीए) के दौरान रुकी हुई परियोजनाओं की प्रगति के साथ-साथ महाराष्ट्र में भारी बारिश के असर के बारे में भी जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी ने शिंदे के पिता संभाजी, उनकी पत्नी लता, बेटे श्रीकांत, बहू वृषाली और पोते रुद्रांश से भी बातचीत की। शिंदे परिवार के प्रधानमंत्री के लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास से लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह एक शिष्टाचार भेंट थी। मेरे पिता प्रधानमंत्री से मिलने के इच्छुक थे। मुझे खुशी है कि उनकी इच्छा पूरी हुई।’’ शिंदे ने कहा कि उन्हें अपनी मां गंगूबाई की याद आती है, जिनका कुछ साल पहले निधन हो गया था।