राष्ट्रीय

एकनाथ शिंदे ने की बड़ी घोषणा

मुंबई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ‘उमेद’ अभियान के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को दी जाने वाली कार्यशील पूंजी (रिवॉल्विंग फंड) को दोगुना कर 30 हजार रुपये हर समुहो को देने की बड़ी घोषणा की। साथ ही समूह मे काम रहे कर्मचारी, विशेषज्ञ व्यक्तीयों के मानधन मे भी बढोतरी करने की घोषना आज विधानसभा सत्र में की। देश के विकास में महिलाओं की अहम भूमिका है। अपने बयान में मुख्यमंत्री का कहा, महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवनोन्नति अभियान के तहत स्वयं सहायता समूहों को प्रति समूह 15,000 रुपये का कार्यशील पूंजी दी जाती है। इसे बढ़ाकर प्रत्येक समूह के लिए 30 हजार रुपये दिये जाएगे। इस बढ़ोतरी के लिये राज्य सरकार 913 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान करेंगी। स्वयं सहायता समूहों को दैनिक मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए कुल 46 हजार 956 सामुदायिक विशेषज्ञ व्यक्ति (सीआरपी) ग्राम स्तर पर काम कर रहे हैं। इन्हें 3 हजार रुपये प्रति माह मानधन दिया जाता है। सहकारी आंदोलन में उनके योगदान और मांग को देखते हुए उनका पारिश्रमिक बढ़ाकर 6 हजार रुपये प्रति माह किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इसके लिए 163 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने की भी घोषणा की। इस अभियान में राज्य स्तर से लेकर क्लस्टर(सामूह‍िक) स्तर तक एक स्वतंत्र, समर्पित और संवेदनशील व्यवस्था बनायी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में अभियान के तहत कुल 2741 संविदा कर्मचारी काम कर रहे हैं और उनके पारिश्रमिक में 20 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी और उनकी अन्य मांगें भी मान ली गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार भविष्य में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा उत्पादित उत्पादों के लिए मूल्य संवर्धन, गुणवत्ता बढ़ाने, आधुनिक पैकेजिंग और ब्रांडिंग को बढ़ावा देने और उत्पादों को उचित बाजार स्थान दिलाने जैसी गतिविधियों को लागू करके ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए भी प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली विद्यार्थियों के लिए गणवेश भी महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से उपलब्ध करायी जायेगी। मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि, ‘उमेद’ अभियान के तहत अब तक लगभग 6 लाख स्वयं सहायता समूह स्थापित किए जा चुके हैं, जिनमें 60 लाख से अधिक महिलाएं शामिल हैं. इसके अलावा 30 हजार 854 ग्राम संघ और 1 हजार 788 प्रभाग (वार्ड) संघ हैं। इन महिलाओं को आय उत्पन्न करने के लिए उमेद अभियान के और बँक की ओर से वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है। स्वयं सहायता समूहों के गठन के 3 महीने बाद, उन्हें आंतरिक ऋण लेनदेन के वित्तपोषण के लिए 10,000 से 15,000 रुपये तक की कार्यशील (रिवॉल्विंग)निधि वितरित की जाती है।