जदयू के साथ बीटीपी का चुनाव पूर्व गठबंधन, नीतीश कुमार करेंगे गुजरात चुनाव के लिए प्रचार
छोटू वसावा के नेतृत्व वाली भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने अगले महीने होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए ‘‘पुराने दोस्त’’ जनता दल (यूनाइटेड) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने की सोमवार को घोषणा की। वसावा ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री एवं जद (यू) नेता नीतीश कुमार गुजरात में प्रचार करेंगे। गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक और पांच दिसंबर को होने वाले चुनाव में जद (यू) कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। बीटीपी संस्थापक वसावा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बीटीपी और जद (यू) पुराने दोस्त हैं और इसलिए हमने चुनाव पूर्व गठबंधन करने का फैसला किया है। हम उनकी मदद करेंगे और वे हमारी मदद करेंगे। बिहार के मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) चुनाव प्रचार के लिए गुजरात जाएंगे। हमारा लक्ष्य वर्तमान (भाजपा) शासन को उखाड़ फेंकना है।’’ यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है, जब बीटीपी ने 12 विधानसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा की, जिसमें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित नौ सीटें शामिल हैं। गत सितंबर में, बीटीपी ने आम आदमी पार्टी (आप) के साथ अपना चार महीने पुराना चुनाव पूर्व गठबंधन यह आरोप लगाते हुए तोड़ दिया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अरविंद केजरीवाल को बीटीपी को हराने के लिए भेजा है। मौजूदा विधानसभा में बीटीपी के दो विधायक हैं। छोटू वसावा जहां भरूच में झगडिया सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, वहीं उनके बेटे एवं बीटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश वसावा नर्मदा जिले के डेडियापडैन से विधायक हैं। गुजरात जद (यू)अध्यक्ष विश्वजीत सिंह ने कहा, ‘‘छोटूभाई अतीत में जद (यू) के प्रदेश अध्यक्ष थे। हम भाई हैं जो एक बार फिर साथ आए हैं। नीतीश कुमार के अलावा, जद (यू) के अध्यक्ष ललन सिंह और वरिष्ठ नेता के सी त्यागी भी गुजरात में चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे। आने वाले दिनों में टिकट वितरण को अंतिम रूप दिया जाएगा।’’ एक अनुभवी आदिवासी नेता छोटू वसावा 1990 से 2017 तक जद (यू) के साथ थे। उन्होंने नीतीश कुमार के भाजपा के साथ गठबंधन करने के बाद पार्टी छोड़ दी और 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले बीटीपी का गठन किया। उन्होंने इससे पहले 2020 में गुजरात पंचायत चुनाव से पहले असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम के साथ और इस साल आप के साथ चुनावी गठबंधन किया था। हालांकि वसावा ने आप से नाता तोड़ लिया और दावा किया कि केजरीवाल भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं।