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खनन लीज मामला: निर्वाचन आयोग सुन सकता है हेमंत सोरेन का पक्ष, भाजपा ने की है ये मांग

नयी दिल्ली।झारखंड के मुख्यमंत्री और झामुमो नेता हेमंत सोरेन के अपने नाम पर खनन पट्टा लेने के मामले में आज निर्वाचन आयोग में सुनवाई हो सकती है। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी कानून के तहत उन्हें विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित करने की मांग की है। निर्वाचन आयोग ने 28 जून को इस मामले में सुनवाई शुरू की थी और उस समय भाजपा के वकील ने जन प्रतिनिधि कानून, 1951 की धारा 9ए के तहत सोरेन को विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित करने की मांग की थी। यह धारा ‘‘सरकारी ठेके आदि के लिए अयोग्य ठहराने’’ से संबंधित है। इस मामले में याचिकाकर्ता भाजपा ने कहा था कि सोरेन ने पद पर रहते हुए अपने नाम पर एक सरकारी ठेका लेकर निर्वाचन कानून के प्रावधान का उल्लंघन किया है। झारखंड के राज्यपाल के अनुमोदन के बाद निर्वाचन आयोग ने जन प्रतिनिधि कानून की धारा 9ए के तहत झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता को मई में नोटिस जारी किया था। आरोप है कि सोरेन ने अपने नाम पर खनन पट्टा लेकर कानून का उल्लंघन किया। बहरहाल, सोरेन के वकीलों ने उच्चतम न्यायालय के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि कानून की धारा 9ए इस मामले में लागू नहीं होती। ऐसे मामलों की सुनवाई करते समय निर्वाचन आयोग अर्ध-न्यायिक निकाय के तौर पर काम करता है।