पार्टी की नाकामयाबियों, अल्पसंख्यक हमले और पुर्नउत्थान पर खूब बोलीं सोनिया, भाजपा और RSS पर भी किया हमला
जयपुर। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी ने शुक्रवार को उदयपुर में नव संकल्प चिंतन शिविर को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पार्टी का कर्ज चुकाने का समय आ गया है। इसी बीच उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इनकी नीतियों की वजह से देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उस पर विचार करने के लिए ये शिविर एक बहुत अच्छा अवसर है। सोनिया गांधी ने कहा कि भाजपा और आरएसएस की नीतियों के कारण देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उसपर विचार करने के लिए ये शिविर एक बहुत अच्छा अवसर है। ये देश के मुद्दों पर चिंतन और पार्टी के सामने समस्याओं पर आत्मचिंतन दोनों ही है। उन्होंने कहा कि ऐसा माहौल पैदा किया गया है कि लोग लगातार डर और असुरक्षा के भाव में रहें। अल्पसंख्यकों को शातिर तरीके से क्रूरता के साथ निशाना बनाया जा रहा है। अल्पसंख्यक हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं और हमारे देश के समान नागरिक हैं। कांग्रेस अध्यक्षा ने कहा कि हमारे संगठन के सामने जो परिस्थितियां उत्पन्न हुई हैं वो अभूतपूर्व है। असाधारण परस्थितियों का मुकाबला असाधारण तरीकों से ही किया जा सकता है। इस बात के प्रति मैं पूरी सचेत हूं। हर संगठन को न केवल जीवित रहने के लिए बल्कि बढ़ने के लिए भी समय-समय पर अपने अंदर परिवर्तन लाना पड़ता है। हमें सुधारों की सख्त जरूरत है। रणनीति में बदलाव, रोजाना काम करने के तरीके में परिवर्तन एक तरह से यह सबसे बुनियादी मुद्दा है। उन्होंने कहा कि हमारा पुर्नउत्थान सिर्फ विशाल सामूहिक प्रयासों से हो पाएगा और वो विशाल सामूहिक प्रयास न टाले जा सकते हैं और न ही टाले जाएंगे। यह शिविर इस लंबे सफर में एक प्रभावशाली कदम है। हमारे लंबे और सुनहरे इतिहास में आज एक ऐसा समय आया है, जब हमें अपनी निजी आकांक्षाओं को संगठन के आधीन रखना होगा। पार्टी ने हम सभी को बहुत कुछ दिया है अब कर्ज उतारने का समय है। मैं समझती हूं कि इससे आवश्यक और कुछ नहीं है। इसी बीच सोनिया गांधी ने कांग्रेसियों से समक्ष एक लक्ष्मण रेखा खींच दी। उन्होंने तमाम कांग्रेसियों से आग्रह किया कि आप अपने विचार खुलकर रखिए लेकिन बाहर संगठन की मजबूत, दृढ़निश्चय और एकता का संदेश ही जाना चाहिए उन्होंने कहा कि हाल में मिली नाकामयाबियों से हम बेखबर नहीं है और न ही हम बेखबर हैं उस संघर्ष की कठिनाईयों से जिससे पार पाकर हमें जीतना है। लोगों को हमसे जो उम्मीदें हैं उनसे भी हम बेखबर नहीं हैं। हम देश की राजनीति में अपनी पार्टी को फिर से उसी भूमिका में लाएंगे जिसे पार्टी ने हमेशा निभाया है और जिस भूमिका की उम्मीद इस बिगड़ते हुए हालातों में देश की जनता हमसे करती है।